नई दिल्ली । भारतीय कामकाजी महिलाओं के संदर्भ में जारी हुए विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में दो तिहाई महिलाए बिना वेतन के घरेलू कामकाज और पारिवारिक सदस्यों की देखभाल जैसे महत्वपूर्ण काम करती हैं। इतना ही नहीं पुरुषों और महिलाओं के बीच असमानता के मामले में भारत 21 पायदान खिसक कर 108वें स्थान पर पहुंच गया है। विश्व आर्थिक मंच की हाल में स्त्री-पुरुषों में असमानता सूचकांक को लेकर जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में वेतन के मामले में कामकाजी महिलाओं की स्थिति काफी खराब है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 66 फीसदी महिलाओं को काम के बदले समान वेतन नहीं मिलता।
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चीन-बांग्लादेश से पीछे भारत
डब्ल्यूईएफ की स्त्री-पुरुष समानता सूचकांक 2017 के अनुसार, भारत ने 67 फीसदी लैंगिक समानता को दूर कर लिया है। हालांकि यह स्थिति काफी खराब है, क्योंकि वह इस मामले में चीन और बांग्लादेश जैसे देशों से भी पीछे है। इतना ही नहीं एक दशक पहले के ऐसे ही एक सूचकांक से तुलना की जाए तो भारत 10 स्थान और पीछे खिसक गया है।
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15 से 64 साल की कामकाजी महिलाओं पर रिपोर्ट
इतना ही नहीं इस सूचकांक में 15 से 64 साल के बीच की कामकाजी महिलाओं को रखा गया। सामने आया कि भारत में जहां 66 फीसदी बिना वेतन के काम करती हैं, वहीं पुरुषों की बात करें तो यह मात्र 12 फीसद है। बिना वेतन के काम में घर की सफाई, परिजनों की देखभाल, मेहमानों का स्वागत-आवभगत, परिवार के बीमार सदस्यों की देखभाल समेत कई अन्य पहलुओं को रखा गया है।
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अमेरिका-ब्रिटेन में भी हालत ठीक नहीं
हालांकि इस रिपोर्ट ने जो आंकड़े पेश किए हैं उसके अनुसार, अमेरिका में 50 फीसदी महिलाएं बिना वेतन के ये काम करती हैं तो 31.5 फीसदी पुरुष भी बिना वेतन काम करते हैं। वहीं ब्रिटेन में 56.7 फीसदी महिलाएं बिन वेतन के काम करती हैं। वहीं यमन, पाकिस्तान, सीरिया, ईरान आदि देशों में स्थिति काफी खराब है। ये देश इस रिपोर्ट में सबसे नीचे नजर आते हैं।
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कंपनियां हिचकती हैं
रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही नारी सशक्तिकरण के इस दौर में जहां महिला पुरुषों के बीच असमानता को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ऐसे में शिक्षित महिलाएं आगे तो आ रही हैं, लेकिन कंपनियां और उद्योग उन्हें भर्ती करने और आगे बढ़ाने में हिचकते हैं।