नई दिल्ली । जहां एक ओर भारत सरकार ने घाटी में शांति के लिए एक बार फिर बातचीत का रास्ता अपनाने की मुहिम तेज कर दी है, वहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने घाटी में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए नया टेटर प्लान बनाया है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ISI ने घाटी में दहशत फैलाने की जिम्मेदारी अब विदेशी आतंकियों को सौंपी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए अब अपने आतंकी संगठनों के गुर्गों को साइड करते हुए विदेशी आतंकियों को घाटी में मौजूद सुरक्षाबलों पर बड़े हमले करने के लिए कहा है।
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हिजबुल और लश्कर पर भरोसा कम हुआ
असल में अब पाकिस्तान पर आरोप लगते आए हैं कि वह अपने यहां लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश ए मोहम्मद जैसे अन्य आतंकी संगठनों को समर्थन देता है। लेकिन अब खबर है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भरोसा इन संगठनों से उठने लगा है। ऐसे में अब घाटी में आतंकवाद फैलाने और वारदातों को अंजाम देने की जिम्मेदारी विदेशी आतंकियों को दी गई है।
कश्मीर में बर्फबारी से पहले निर्देश
कश्मीर में आने वाले दिनों में बर्फबारी शुरू हो जाएगी, जो पाकिस्तानी सीमा से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए सबसे मुफीद समय माना जाता है। अमूमन बर्फ पड़ने पर बड़ी संख्या में आतंकी सीमा पार करते आए हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने अपने आतंकी संगठनों को छोड़ अब विदेशी आतंकियों को सीमा पार भेजने और सुरक्षा बलों पर हमला करने का काम सौंपा है।
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ऑपरेशन ऑल आउट से घबराया ISI
बता दें कि भारतीय सरकार द्वारा सेना को कार्रवाई के लिए खुले हाथ दिए जाने के बाद से सेना द्वारा घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट चलाया जा रहा है, जिसमें आतंकियों को चुन चुन कर मारा जा रहा है। पिछले एक साल की ही बात करें तो करीब 170 के करीब आतंकियों को सेना ढ़ेर कर चुकी है। इसमें आईएसआई के पोषित आतंकी संगठनों के कई कमांडर और चीफ शामिल हैं। इस सब से आईएसआई घबराया हुआ है, जिसके चलते अब उसने हिंसा की साजिश में विदेशी आतंकियों को शामिल किया है।
इन इलाकों पर रहेगी नजर
मिली जानकारी के अनुसार, ISI ने अपनी नई रणनीति के तहत साउथ कश्मीर के जिन इलाकों को टारगेट किया है, उनमें त्राल, पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम शामिल है। इन इलाकों में जैश के विदेशी आतंकियों को सुरक्षाबलों पर हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई है, इन इलाकों में लश्कर और हिजबुल के स्थानीय आतंकियों को जैश के विदेशी आतंकियों को लॉजिस्टिकल सपोर्ट मुहैया कराने को कहा गया है।