Saturday, May 4, 2024

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कर्नाटक में सियासी तूफान अभी बरकरार, कुमारास्वामी का सत्ता साझा करने से साफ इंकार 

सुनीता गौड़
कर्नाटक में सियासी तूफान अभी बरकरार, कुमारास्वामी का सत्ता साझा करने से साफ इंकार 

नई दिल्ली। कर्नाटक की राजनीति में उठा तूफान अभी थमा नहीं है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए 30-30 महीने के लिए सत्ता साझा करने के सवाल पर जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन से मुख्यमंत्री बनने वाले एचडी कुमारास्वामी ने साफ कर दिया है कि दोनों पार्टियों के बीच सत्ता साझा करने को लेकर कोई बात नहीं हुई है। इसी बीच सोमवार को वे दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि कुमारास्वामी दोनों को 23 मई को होने वाले शपथग्रहण समारोह में शामिल करने का निमंत्रण भी देंगे।  उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर अभी भी कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सोमवार की शाम को कांग्रेस अध्यक्ष से मिलने के बाद उस पर मुहर लगा दी जाएगी। 

गौरतलब है कि साल 2006 में कर्नाटक में जब भाजपा और जेडीएस के गठबंधन की सरकार बनी थी तब 20-20 महीने के लिए दोनों पार्टियों के द्वारा सत्ता साझा किया गया था। कुमारस्वामी ने इस समझौते के तहत जनवरी 2006 से भाजपा-जेडीएस गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था लेकिन जब सरकार का नेतृत्व करने के लिए भाजपा की बारी आई तो कुमारस्वामी समझौते से मुकर गए और बीएस येदियुरप्पा को सत्ता सौंपने से इंकार कर दिया था। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार गिर गई, उसके बाद हुए चुनाव में भाजपा भारी बहुमत से जीतकर आई और येदियुरप्पा ने अकेले अपने दम पर सरकार बनाई थी। 


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यहां बता दें शायद उस घटना से सीख लेते हुए ही कुमारास्वामी ने सत्ता साझा करने की खबर से पहले ही इंकार कर दिया है। दिल्ली आने से पहले कुमारास्वामी ने मंदिर में भगवान के दर्शन किए। वहीं दूसरी तरफ राजराजेश्वरी और जयनगर सीटों पर चुनाव के लिए कांग्रेस से किसी तरह की बात से भी कुमारास्वामी ने इंकार किया है। उन्होंने कहा कि ये दोनों सीटें जीतना जरूरी है। बता दें कि राजराजेवरी सीट पर कदाचार का आरोप लगने के बाद वहां चुनाव टाल दिया गया था जबकि जयनगर में उम्मीदवार की आकस्मिक मौत के बाद वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था।   

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