नई दिल्ली।
लोकसभा के मानसून सत्र का छठवां दिन हंगामें की भेंट चढ़ गया। सोमवार को शून्यकाल के दौरान स्पीकर ने सदन की कार्रवाई बाधित करने का प्रयास करने वाले कांग्रेस के छह सांसदों को पांच बैठकों के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया और लोकसभा की कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इन सांसदों पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पर कागज फेंकेने का आरोप है।
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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कामकाज में व्यवधान डालने के लिए 6 सदस्यों को नियम 374 (ए) के तहत सदन की पांच बैठकों से निलंबित किया जाता है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, रंजीत रंजन, एमके राघवन, सुष्मिता देब और के सुरेश शामिल हैं।
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सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भीड़ की हिंसा मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के सांसद प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग कर रहे थे। बता दें कि आरजेडी व कांग्रेस ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। जब कांग्रेस के कई सांसदों ने लोकसभा स्पीकर के समक्ष कागज उछाले तो अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस सांसदों के द्वारा इस तरह की हरकत शर्मनाक है। इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद थे। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि देखना चाहती हूं कि सांसद कितनी अनुशासन हीनता कर सकते हैं, देश भी इनके बर्ताव को देख रहा है।
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इस बीच महाजन ने सांसदों से प्रश्नकााल के दौरान हंगामा न करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल के बाद किसी भी विषय पर चर्चा हो सकती है, लेकिन सांसद नहीं माने और हंगामा जारी रखा।बता दें कि इससे पहले 2015 में भी स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पोस्टर दिखाने और शोरशराबा करने वाले कांग्रेस के 25 सदस्यों को पांच बैठकों के लिए निलंबित कर दिया था। तब कांग्रेस अध्य़क्ष सोनिया गांधी ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र का काला दिन बताया था।