नई दिल्ली। वीवीआईपी हैलीकाॅप्टर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को बड़ी कामयाबी मिली है। यूपीए सरकार के शासनकाल में हुए करीब 3600 करोड़ रुपये की इस हेलीकाॅप्टर सौदे में बिचौलिए का काम करने वाले क्रिश्चियन मिशेल को देर रात दुबई से प्रत्यर्पित कर दिल्ली लाया गया है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मिशन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाकार अजीत डोभाल की निगरानी में किया गया। मिशेल के प्रत्यर्पण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी अहम भूमिका निभाई है। बता दें कि सुषमा स्वराज इन दिनों दुबई में ही हैं। अब क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि फिलहाल उसे सीबीआई मुख्यालय में रखा गया है जहां उससे पूछताछ की जा रही है। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि मिशेल को वापस लाने के लिए संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में सीबीआई की टीम दुबई भेजी गई थी। ‘ऑपरेशन यूनिकॉर्न’ के नाम से चलाए गए इस आॅपरेशन पर सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पूरी निगरानी बनाई हुई थी।
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यहां बता दें कि 3600 करोड़ रुपये के इस वीवीआईपी हेलीकाॅप्टर सौदे में क्रिश्चियन मिशेल को करीब 225 करोड़ की दलाली मिली थी। दुबई से मिशेल के प्रत्यर्पण में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने काफी अहम भूमिका निभाई है। गौर करने वाली बात है कि क्रिश्चियन मिशेल की प्रत्यर्पण उस वक्त हुई जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जाएद के बीच अबू धाबी में दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता चल रही थी।
आपको बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर का सौदा यूपीए शासन के दौरान साल 2010 में किया गया था। इस सौदे में ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल ने बिचौलिये की भूमिका निभाई थी। बता दें कि भारत ने सीबीआई एवं ईडी की तरफ से दर्ज मुकदमे के आधार पर 2017 में अधिकृत तौर पर उसके प्रत्यर्पण के लिए यूएई से आग्रह किया था, जहां वह घोटाले के बाद से रह रहा था। इसके बाद मिशेल को दुबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही थी। केन्द्र सरकार ने 2014 में इस सौदे को रद्द कर दिया था।