नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार के गठन को तीन साल का समय पूरा हो गया है और ऐसे में वर्ष 2019 के होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इस बीच खबर है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में मोदी कैबिनेट में विस्तार हो सकता है। कैबिनेट में कई मंत्रियों को हटाया जा सकता है तो कई नए मंत्रियों को कैबिनेट का हिस्सा बनाया जा सकता है। आगामी कुछ महीनों में ही हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात में विधानसभा चुनाव भी हैं, जिसके चलते इन राज्यों के प्रतिनिधियों को कैबिनेट में जगह देकर राज्यों में भाजपा की स्थिति को मजबूत किए जाने की रणनीति के तहत इन फेरबदल को देखा जा सकता है।
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बता दें कि मोदी सरकार ने अपने तीन साल के शासनकाल में कई चौंकाने वाले फैसले लिए हैं, जिन्हें राष्ट्रनिर्माण के मद्देनजर लिया गया। इस सब के बात प्रचंड बहुमत पाकर सत्ता में आई मोदी सरकार के इस शासनकाल के दो साल अभी बचे हैं। हालांकि भाजपा ने अगले कार्यकाल के लिए भी तैयारियों की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। खबर है कि 18 अगस्त के करीब भाजपा अपने कैबिनेट में काफी फेरबदल करने जा रही है। सरकार उन मंत्रियों को हटाएगी जिनके विभागों ने अपने लक्ष्य को पूरा नहीं किया, वहीं उन मंत्रियों को भी कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है, जिनका रिपोर्टकार्ड अच्छा नहीं रहा है।
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वहीं इस फेरबदल को आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी किया जाएगा। आने वाले कुछ महीनों में हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हैं। इन राज्यों में भाजपा के प्रदर्शन को पहले से और बेहतर करने की कवायद के मद्देनजर संभव है कि इन राज्यों के कई सांसदों को कैबिनेट में जगह दी जाए। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि भाजपा के कुछ दिग्गज नेताओं को आगामी विधानसभा और 2019 के लोगसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार से एक बार फिर संगठन के अहम काम सौंपा जाए, ताकि वे भाजपा की साख को विपक्षी दलों की तुलना में ज्यादा मजबूत बनाने की रणनीति पर काम करें।
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