नई दिल्ली। मेघालय के जयंतिया हिल्स में कोयले की खदान में मजदूरों को बचाने का सिलसिला जारी है। इस बीच मेघालय सरकार द्वारा अवैध खनन पर रोक लगाने में असफल रहने पर एनजीटी ने 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। खदान मामले में अधिकरण की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट 2 जनवरी को एनजीटी अध्यक्ष एके गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मेघालय में अधिकतर खदानों का संचालन बिना किसी लीज और लाईसेंस के चल रहा है।
गौरतलब है कि एनजीटी में सुनवाई के दौरान मेघालय सरकार ने माना कि यहां बड़ी संख्या में खदानों का अवैध तरीके से संचालन किया जा रहा है। बता दें कि इन अवैध खनन पर रोक लगाने में असफल रहने के बाद एनजीटी ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया है।
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यहां बता दें कि पिछले कई दिनांे से मेघालय की जयंतिया हिल्स में 370 फुट गहरी अवैध खदान में एक नदी का पानी आ जाने के कारण 15 लोग 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। फिलहाल उन लोगों को निकालने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं लेकिन अभी तक एक भी मजदूर के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि 14 दिसंबर की शाम को अवैध खनन के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया।
गौर करने वाली बात है कि मजदूरों को बचाने के अभियान में सरकार की तरफ अभी तक 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। आपको बता दें कि मजदूरों को बचाने में असफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी फटकार लगाया है।