Friday, May 3, 2024

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अब सड़कों पर प्रदूषण होगा कम, चलेगी इलेक्ट्रिक बसें

अंग्वाल न्यूज डेस्क
अब सड़कों पर प्रदूषण होगा कम, चलेगी इलेक्ट्रिक बसें

नई दिल्ली। देश में बढ़ते प्रदूषण और मोटर वाहनों की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इससे बचने की एक नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत सरकार ने वाराणसी समेत देश के अन्य शहरों में ट्रॉली बस चलाने की योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत सड़कों पर चलने वाली बसों के समान ही इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण किया जाएगा। इन बसों में रबर के टायर लगे होंगे लेकिन इन बसों में डीजल और सीएनजी चलने वाले इंजन के बदले बिजली से चलने वाले मोटर लगे होंगे। इन बसों में बिजली की आपूर्ति के लिए बैट्री नहीं लगी होगी, बल्कि सड़क के ऊपर लगे बिजली के तारों से आपूर्ति होगी। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो इसी वर्ष के अंत तक इसका परिचालन शुरू हो जाएगा। इन बसों के चलने से आम बसों के  किराए में भी काफी कमी आ जाएगी।

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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, बड़े शहरों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए आम जनता के लिए तेज गति के साधन उपलब्ध कराने के लिए मेट्रो एक उचित साधन नहीं है। गडकरी की ऐसा कहने की वजह मेट्रो के निर्माण में होने वाले बड़े खर्च से है उनका कहना है कि  मेट्रो  रेल निर्माण में  प्रति किलोमीटर 350 करोड़ रुपये का खर्च आता है इसलिए सरकार ने शहरों में ट्रॉली बस चलाने की योजना बनाई है।  इसमें सड़कों पर उसी तरह से बिजली का ओवरहेड ट्रेक्शन वायर लगाया जाएगा  जैसे रेलवे अपनी पटरी पर ओवरहेड वायर बिछाता है।

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उत्तर प्रदेश के कई शहरों में चलेगी ट्रॉली बस सेवा

नितिन गडकरी ने बताया कि वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, आगरा सहित कई शहरों में ट्रॉली बस का परिचालन प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के बीच सभी शहरों को सार्वजनिक परिवहन का तेज और सुरक्षित साधन चाहिए। इसके लिए ही हमने ट्रॉली बस का चयन किया है। यह भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, शोलापुर, कोल्हापुर, नासिक आदि शहरों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। 

40 फीसद तक कम होगा किराया

गडकरी का कहना है कि मुंबई और नागपुर में डीजल और एथेनॉल से चलने वाली बसों में काफी ज्यादा लागत आती है। इसके बजाए बसें यदि बिजली से चले तो इनकी लागत काफी कम हो जाएगी। यही नहीं, ट्रॉली बस में यह भी विकल्प है कि एक के पीछे एक लगाकर दो बस भी एक साथ चलाई जा सकती हैं। इन दो बसों में एक में जनरल क्लास बना लें, तो दूसरी बस में फर्स्ट क्लास। जनरल क्लास का किराया कम रखा जा सकता है, तो फर्स्ट क्लास का किराया ज्यादा। 

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