नई दिल्ली । केंद्र सरकार की ओर से शिक्षकों के लिए एक अच्छी खबर है। अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपने नाम को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए भेज सकते हैं। यहां आपको बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार पुरस्कारों के लिए शिक्षकों का चयन करती थी। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए एक नई पहल की है, जिसके तहत अध्यापकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी क्रम में अब राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपना नाम भेज सकेंगे।
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पुरस्कार चयन प्रक्रिया
इस प्रक्रिया का चयन अध्यापकों के पढ़ाने के तरीके और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नए प्रयोगों के आधार पर किया जाएगा । सबसे पहले जिला स्तर पर 3 शिक्षकों का चयन किया जाएगा। जिला स्तर के चुना के बाद प्रतिभागियों का राज्य स्तर पर चुनाव होगा, जिसमें 6 अध्यापकों का चुनाव होना होगा। अंत में पूरे देश से 50 शिक्षकों को ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया जाएगा। अध्यापक अपने काम का वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं।
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इन कामों के आधार पर चयन
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा है कि शिक्षकों के पठन-पाठन में किए गए नए प्रयोगों, अध्यापकों के द्वारा कि गई नई गतिविधि , समाज को बदलने के लिए किए गए काम आदि के आधार पर चुनाव होगा । बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की शुरुआत 1958 में की गई थी। इस पुरस्कार को 5 सिंतबर शिक्षक दिवस पर दिया जाता है।
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इन स्कूलों के अध्यापक भेंज सकते है नाम
बता दें कि सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षक अपने नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए भेंज सकते हैं । इसके अलावा केंद्रीय विद्यालय , जवाहर नवोदय विद्यालय, सीबीएसई, रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित सैनिक स्कूल , तिब्बतियों के केंद्रीय विद्यालय और परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी के शिक्षक आपने नाम को पुरस्कार के लिए भेंज सकते हैं।