नई दिल्ली। अब जल्द ही भारतीय सेना के लिए रक्षा उपकरणों का निर्माण देश में ही होना शुरू हो जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों के निर्माण में निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से लाए गए सामरिक भागीदारी (एसपी) मॉडल को लागू करने से संबंधित दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस दिशा निर्देश के बाद विदेशी कंपनियांे की मदद से निजी क्षेत्र देश में रक्षा उपकरणों को तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि मेक इन इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ते हुए मई 2017 में एसपी माॅडल की घोषणा की गई थी। बता दें कि इस माॅडल का मकसद विदेशी कंपनियों और भारत की कंपनियों द्वारा संयुक्त रूप से काम करते हुए देश में ही रक्षा उपकरणों को तैयार करने के लिए एक माहौल तैयार करना है। रक्षा मंत्री के ओर से जारी दिशा निर्देश के अनुसार एसपी माॅडल के तहत सभी खरीद के लिए विशेष रूप से गठित अधिकार प्राप्त समिति (ईपीसी) की मंजूरी लेनी होगी।
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यहां बता दें कि समुद्री शक्ति को और मजबूती देने के लिए कोस्ट गार्ड को 8 फास्ट पेट्रोलिंग वाहनों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। इन वाहनों की खरीद पर करीब 800 करोड़ रुपसे की लागत आने की संभावना है। नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर की खरीद को भी ग्रीन सिग्नल दिया गया है।