नई दिल्ली। तत्काल टिकट बुकिंग के नाम पर रेलवे के द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से छेड़छाड़ करने वालों की अब खैर नहीं होगी। भारतीय रेलवे अब ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त हो गया है। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि तत्काल टिकट बुक करने पर आपके पास कंफर्मेशन नहीं आता है इसके पीछे इंटरनेट की धीमी स्पीड का हवाला दिया जाता है। दरअसल, ऐसा इंटरनेट की धीमी स्पीड की वजह से नहीं बल्कि साॅफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ की वजह से होता है। ऐसा करने वालों से अब 2 लाख रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। रेलवे ने इसी साल 2 मई को ऐसा करने वाले एक व्यक्ति को मुंबई से गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि यह व्यक्ति नकली साॅफ्टवेयर का उपयोग कर रेलवे के सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर एक ही महीने में 35 लाख रुपये कमा लिए। बता दें कि इस तरह के एक अन्य मामले में पूर्व सीबीआई अधिकारी अपने दोस्त के साथ मिलकर फर्जी सॉफ्टवेयर के माध्यम से रेलवे में तत्काल टिकट आरक्षण प्रणाली के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी। बाद में उसे गिरफ्तार भी किया गया था।
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यहां बता दें कि रेलवे अब इस तरह की चोरी और धोखाधड़ी के मामलों पर रोक लगाने पर सख्त हो गया है। यही नहीं ई-टिकट धोखाधड़ी करने वालों को दंडित करने के प्रावधान 1989 में संशोधन करने का भी विचार किया जा रहा है। वर्तमान में अधिनियम ई-टिकट धोखाधड़ी की कल्पना नहीं करता है लेकिन उन्हें दंडित करने का प्रावधान है जो इस तरह से टिकट बेचते हैं। इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों पर अब रेलवे 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाएगा, अभी तक इसके लिए 10 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान था।