नई दिल्ली। कभी पाकिस्तान के तानाशाह रहे जनरल परवेज मुशर्रफ का अब अपने ही देश पाकिस्तान वापस लौटना मुश्किल हो गया है। पाकिस्तानी प्रशासन ने उनका पहचान पत्र और पासपोर्ट दोनों ही निलंबित कर दिए हैं। ऐसे में उन्हें या तो राजनीतिक शरण लेनी होगी या फिर पाकिस्तान वापसी के लिए नए सिरे से दस्तावेज तैयार करने होंगे। प्रशासन ने यह कदम मुशर्रफ के खिलाफ राष्ट्रद्रोह मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत के आदेश पर उठाया है।
गौरतलब है कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान मंे साल 2007 में आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान ज्यादातर न्यायाधीशों को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया था और तकरीबन 100 से ज्यादा जजों को बर्खास्त कर दिया गया था। मार्च 2014 में राष्ट्रद्रोह के आरोपों में उन्हें दोषी करार दिया गया था। मार्च 2016 में इलाज के लिए दुबई गए पूर्व राष्ट्रपति को विशेष अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। साथ ही मामले में उनके पेश न होने के कारण उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था।
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यहां बता दें कि अदालत ने मार्च में आदेश दिया था कि संघीय सरकार उनके कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट को निलंबित कर दे। एक अखबार की खबर के अनुसार राष्ट्रीय डाटाबेस पंजीकरण प्राधिकरण ने मुशर्रफ का पहचान पत्र निलंबित कर दिया है और इसके साथ ही उनका पासपोर्ट भी अपने आप निलंबित हो गया है। अब उन्हें पाकिस्तान वापस आने के लिए किसी देश में राजनीतिक शरण लेनी होगी और वतन वापसी के लिए नए सिरे से दस्तावेज तैयार करवाने होंगे।