भोपाल। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के द्वारा मध्यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा के बाद वहां कांग्रेस की सरकार बननी तय हो गई है। इस पर अब मुहर इस बात से भी लग गई कि भाजपा के सीएम शिवराज सिंह ने कह दिया कि बहुमत का आंकड़ा नहीं होने की वजह से वे सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे। इसके बाद ही वे अपना इस्तीफा सौंपने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास चले गए। बता दें कि कांग्रेस को मध्यप्रदेश में 114 सीटें मिली हैं और उन्हें बहुमत के लिए 2 विधायकों की जरूरत थी। बसपा के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस का समर्थन देने की घोषणा कर दी है। शिवराज सिंह ने कांग्रेस नेता कमलनाथ को बधाई भी दी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 114 पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी तो बनी लेकिन बहुमत की दहलीज पर पहुंचने से 2 कदम पीछे रह गई। यहां बता दें कि कांग्रेस ने अपनी पिछली गलतियों से सीख लेते हुए 114 विधायकों के साथ ही सरकार बनाने का दावा पहले राज्यपाल के सामने पेश कर दिया। बुधवार को बसपा और सपा के द्वारा समर्थन देने की घोषणा के बाद कांग्रेस का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। अब कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य राज्यपाल से मिलकर आधिकारिक तौर पर अपना दावा पेश करेंगे।
ये भी पढ़ें - मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता साफ, मायावती ने किया समर्थन का ऐलान
यहां बता दें कि भाजपा को जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर माना जाता है। इसका उदाहरण गोवा और मणिपुर में देखा जा चुका है। हालांकि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ही इस बात को साफ कर दिया कि वे बहुमत नहीं होने की वजह से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर रहे हैं और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया