वाराणसी । यूपी के सोनभ्रद में हुए नरसंहार के बाद शुक्रवार को पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस महासिचव प्रियंका गांधी वाड्रा निकली , लेकिन उन्हें पुलिस प्रशासन ने रास्ते में ही रोक लिया है । प्रियंका पीड़ित परिजनों से मिलने की जिद पर अड़ते हुए धरने तक पर बैठ गईं, जिसके बाद उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया है । इस सब के बीच नरसंहार को लेकर कुछ तथ्य उजागर हो रहे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि इस कांड का मुख्य आरोपी यज्ञ दत्त, जमीन पर कब्जे की नीयत से 32 ट्रैक्टर ट्रॉलियों में लगभग 300 दबंगों को लेकर आया था । आदिवासियों द्वारा विरोध किए जाने पर इन लोगों ने कई राउंड फायरिंग की । कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गोलीबारी करने से जैसे ही कुछ लोगों की मौत हुए हमलावरों ने लाठियों से आदिवासियों पर हमला कर दिया। लोगों का कहना है कि यह मंजर बहुत डराने वाला था , जिसमें हमारे 10 लोगों की हत्या कर दी गई , जबकि कई लोग घायल हुए हैं।
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वहीं सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र नरसंहार में 10 लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है । उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि दोषियों की खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी । सीएम योगी ने सीधे-सीधे इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी ।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जमीन से जुड़े विवाद को लेकर हुए इस नरसंहार में सरेआम फायरिंग के साथ ही हिंसा हुई । 16 जुलाई को 32 ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर प्रधान समेत सैकड़ों लोग जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे । इस दौरान प्रधान के लोगों ने पहले लोगों पर फायरिंग की और फिर लाठियों से लोगों को जमकर पीटा । इस हिंसा में जहां 10 लोगों की मौत हो गई , वहीं करीब 25 लोग घायल हुए ।
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इस मामले में ग्राम प्रधान सहित 11 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है । इस हिंसा में इस्तेमाल किए गए हथियारों को पुलिस ने बरामद कर लिया है । नरसंहार मामले मे ग्राम प्रधान के भतीजे समेत 24 लोग गिरफ्तार हो गए हैं, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है ।
वहीं इस घटना को सीएम योगी आदित्यनाथ ने काफी दुखद बताते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है । सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना की कार्रवाई के लिए तुंरत निर्देश दिए गए और दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जिन्होंने घटना के 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंप दी है । सीएम ने कहा कि इस घटना की नींव साल 1955 में तब पड़ी थी, जब तत्कालीन तहसीलदार ने आदर्श सहकारी समिति के नाम पर ग्राम समाज की जमीन दर्ज करने का गैरकानूनी काम किया ।
सीएम योगी ने कहा कि पीड़ित पक्ष इस जमीन पर खेती कर रहा था और आरोपी प्रधान को कुछ पैसा भी दे रहा था, लेकिन इस मामले में प्रधान द्वारा वाद दायर करने के बाद पीड़ित परिवार ने पैसा देना बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस मामले मे कुल 29 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं जिसमें एक आरोपी ग्राम प्रधान भी है।
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