नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोवा सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। गोवा फाउंडेशन की तरफ से साल 2015 में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार द्वारा करीब 88 खदानों के खनन लीज लाईसेंस को खनन प्रक्रिया के उल्लंघन के आरोप में रद्द कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन लोकुर ने कहा कि जिन कंपनियों के खनन के लाईसेंस दोबारा रिन्यू किए गए हैं वह सिर्फ 15 मार्च तक ही वैध होंगे। कोर्ट ने गोवा सरकार को खनन के लिए लाईसेंस जारी करने की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट की टिपण्णी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “खदानों के परमिट को लेकर सरकार की तरफ से रिन्यू करने के लिए अपनायी गई प्रक्रिया कानून का उल्लंघन है।” इसके साथ ही कोर्ट की तरफ से एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का भी आदेश दिया गया है जिसमें एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को शामिल करने को कहा गया है। ताकि, खदानों के परमिट रिन्यू करने के बाद कंपनी की तरफ से बनाए गए मुनाफे की रिकवरी की जाए।
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