नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जदयू के पूर्व अध्यक्ष को बतौर सांसद मिलने वाले वेतन, भत्ते और दूसरी सुविधाओं को खत्म कर देने का फैसला किया है। वे अब इन सुविधाओं का भोग नहीं कर सकते पर सरकारी बंगले में रह सकते हैं।
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क्या था पहले मामला
यहां आप को बता दें कि इससे पहले शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था, जिसके बाद उन्होंनें दिल्ली हाईकोर्ट में इसे चुनौती दे डाली। 15 दिसंबर 2017 के हाईकोर्ट के आदेश पर अब शीर्ष अदालत ने संशोधन किया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में शरद यादव को उनकी याचिका लंबित रहने के दौरान वेतन, भत्ते और दूसरी सुविधाएं प्राप्त करने और सरकारी बंगले में रहने की अनुमति दी थी।
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जस्टिस आदर्श कुमार गोयल का आदेश
जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अवकाशकालीन पीठ ने अपने आदेश में शरद यादव को हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के अनुसार सरकारी बंगले में रहने की अनुमति तो दे दी पर बाकी सुविधाओं से वंचित कर दिया। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने राज्यसभा में जदयू के सांसद रामचंद्र प्रकाश सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया।