नई दिल्ली । नोटबंदी के बाद सरकार ने अब कालेधन वालों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को देशभर में करीब 300 फर्जी कंपनियों के 100 ठिकानों पर छापेमारी कर कई बड़े खुलासे किए हैं। इस दौरान ईडी को जहां मुंबई में एक व्यक्ति के पते पर 700 कंपनियां रजिस्ट्रर होने के दस्तावेज मिले हैं। वहीं इस दौरान मिले दस्तावेजों में एनसीपी नेता छगन भुजबल की 46 करोड़ की एंट्री का सच सामने आया है। इतना ही नहीं ईडी ने नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की फर्जी कंपनियों पर भी छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
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ईडी ने शनिवार को इस छापेमारी की कार्रवाई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, पटना, कोच्चि समेत करीब 16 राज्यों के शहरों में की। इस दौरान कुछ कंपनियों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक ट के तहत की। इस दौरान ईडी ने हैदराबाद की विश्वज्योति रीयल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड समेत कुछ अन्य कंपनियों की तीन करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। इसके साथ ही छापेमारी की कार्रवाई के दौरान मुंबई के एक पते पर 700 कंपनियों के रजिस्टर होने के दस्तावेज मिले हैं।
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इस दौरान मुंबई में एनसीपी नेता छगन भुजबल की कंपनियों के 46 करोड़ की एंट्री का पता चला है। इतना ही नहीं ईडी की टीमों ने नोएडा के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह की कंपनियों पर भी छापेमारी की है। बता दें कि ईडी खासकर उन कंपनियों पर कार्रवाई कर रही है जिनके खातों के माध्यम से 500 और एक हजार के पुराने नोटों को खपाने की साजिश का पता चला है। ईडी इस बात की भी जांच कर रहा है कि जिन कंपनयों के खातों में इस तरह की गतिविधियां हुई हैं, असल में उन कंपनियों के मालिक कौन हैं।
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