नई दिल्ली/ देहरादून । अगर इन गर्मियों में उत्तराखंड के किसी पर्यटन स्थल या धार्मिक स्थल पर जा रहें है तो जरा ध्यान दें। इस बात का विशेष ख्याल रखें कि वहां किसी प्रकार की गंदगी न फैलाएं। खासकर पॉलिथीन के बैग को लेकर तो कुछ ज्यादा ही सजग रहें। अगर किसी धार्मिक स्थल पर जा रहे हैं तो जो भी खाने पीने के रैपर लेकर जा रहे हैं आते वक्त उन्हें साथ ही लाएं। इस बात की जांच होगी कि कहीं आपने वह प्लास्टिक के रैपर रास्ते में ही तो नहीं फेंक दिए हैं।
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असल में नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में पॉलीथिन पर प्रतंबिध लगाया हुआ है। दुकानदारों को भी आदेश है कि वह किसी प्रकार की पॉलीथिन को अपनी दुकानों में नहीं रखेंगे। इसी कड़ी में शुक्रवार को हल्द्वानी में नगर निगम की टीम ने बस और रेलवे स्टेशन की पास की दुकानों पर छापेमारी कर वहां से पॉलीथिन बरामद की। इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश के बावजूद पॉलीथिन रखने के जुर्म में शंकर स्वीट्स पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा कुछ दुकानदारों पर पांच-पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया है।
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इससे इतर 3 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले लोगों के लिए स्थानीय प्रशासन ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने साथ किसी प्रकार की कोई पॉलीथिन नहीं ले जा सकेंगे। अगर वो रैपर में बंद खाने-पीने की चीजें साथ लेकर जा रहे हैं तो उन्हें आते समय उन रैपरों को वापस लाना होगा, ऐसा नहीं करने पर इन लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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अमूमन देखा जाता है कि पर्यटक अपने साथ कई तरह का सामान लेकर आते हैं और वापसी के दौरान कई प्रकार का कूड़ा-कचड़ा वहीं फेंककर चल देते हैं। लेकिन इस बार उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों के लिए इस तरह की हरकतें भारी पड़ सकती है। कई जिलों का प्रशासन ऐसे लोगों को लेकर काफी सख्त हो गया है। अगर लोग उत्तराखंड घूमने के दौरान वहां गंदगी फैलाते हैं तो उनपर कार्रवाई भी संभव है।
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