देहरादून । कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद पिछले दिनों युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों से बातचीत के दौरान कहा था कि पार्टी के कुछ मुख्यमंत्री, महासचिवों और बड़े पदाधिकारियों लोकसभा चुनावों में मिली हार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है । उन्होंने कहा था कि मेरे इस्तीफे के बाद भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी है । इस सब के बाद जहां करीब 120 कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपने इस्तीफे राहुल गांधी को भेज वहीं बुधवार को राहुल गांधी ने भी ट्वीट करते हुए अब खुद को पार्टी का अध्यक्ष नहीं होने का ऐलान किया । इस सब के बाद पार्टी के महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है । हरीश रावत का कहना है कि असम में मिली हार की वह नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
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बता दें कि इन दिनों कांग्रेस में भारी उथल-पुथल मची हुई है । जहां कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जल्द आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है , वहीं इससे पहले राहुल गांधी ने एक ट्वीट करते हुए साफ कर दिया कि अब वह पार्टी अध्यक्ष नहीं है । इतना ही नहीं उन्होंने चार पन्नों का एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने पार्टी के भीतरी लोगों पर सवाल उठाए वहीं उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा था । लोकसभा चुनावों में मिली हार से राहुल गांधी नाराज थे । इससे भी ज्यादा वह नाराज थे अपने नेताओं के रवैसे से, इसलिए उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम लेते हुए उनपर चुनावों को लेकर अपने परिवार तक ही सीमित रहने और उदासीनता बरतने के आरोप लगाए थे ।
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बहरहाल , उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि लोकसभा चुनावों में मिली हार की मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं और इसलिए मैं अपना इस्तीफा देता हूं । लेकिन साथ ही उन्होंने अपनी ही पार्टी के कई दिग्गजों पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि मेरे इस्तीफा देने के बाद भी कोई अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहा है । उन्होंने अब जल्द से जल्द नया पार्टी अध्यक्ष चुनने की मांग करते हुए कहा कि वह इस काम में सक्रिय नहीं होंगे ।