नई दिल्ली।
भारतीय सेना को तीन दशक बाद नई तोपें मिलने वाली हैं। यह तोपें बोफोर्स तोप सौदे के तीन दशक बाद भारतीय सेना में शामिल होंगी। 145 एम 777 तोपें इस हफ्ते के अंत तक सेना में शामिल हो जाएंगी। इससे भारतीय सेना की क्षमता बढ़ जाएगी। ऐसी उम्मीद है कि सेना इन तोपों की तैनाती भारत-चीन सीमा पर कर सकती है। भारत ने यह तोपें अमेरिकी कंपनी बीएई से खरीदी हैं, फिलहाल इस खेप में दो ही तोपें भारत आएंगी।
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बीएई कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना के तोपखाने को आधुनिक बनाने के विल वो अमेरिकी सरकार की लगातार मदद कर रही है। कंपनी ने कहा कि अमेरिका के विदेशों में हथियार सप्लाई करने के लक्ष्य की कड़ी में 145 एम 777 हल्की होवित्जर तोपों को भारतीय सेना को सौंपा जाएगा। इन 145 तोपों में से दो तोपें इसी हफ्ते भारत पहुंच जाएंगी। इसके अलावा भारत ने अमेरिका के साथ 155एमएम/39 कैविबर गन को लेकर भी समझौता किया है। इसके तहत बीएई कंपनी करीब 145 गन भारत को सौंपेगी, जिसमें 25 गन कंपनी सीधे भारत को देगी, बाकी महेंद्रा कंपनी की मदद से भारत में ही बनाई जाएगी।
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बता दें कि पिछले साल 30 नवंबर को भारत ने इन तोपों को खरीदने के लिए अमेरिका से 2900 करोड़ का यह समझौता किया था। 17 नवंबर 2016 को केंद्रीय कैबिनेट से इस समझोते को मंजूरी मिली थी।
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बोफोर्स मामले के बाद लग गई थी रोक
भारतीय सेना ने 1980 में बोफोर्स तोप के लिए स्वीडिश कंपनी से समझौता किया था। लेकिन इस समझौते में दलाली के आरोपों के बाद सेना के तोपखाने से जुड़े तमाम सौदों पर एक तरह से रोक लग गई थी। इसके काररण भारतीय सेना का तोपखाना अत्याधुनिक तोपों से महरूम था। भारतीय सेना 2020 तक 169 रेजिमेंट में 3503 तोपों को शामिल करना चाहती है।