Thursday, May 9, 2024

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चीन ने भारत को धमकाया, कहा- अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए जंग करने से भी पीछे नहीं हटेंगे

अंग्वाल न्यूज डेस्क
चीन ने भारत को धमकाया, कहा- अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए जंग करने से भी पीछे नहीं हटेंगे

नई दिल्ली । चीन ने सिक्किम और भूटान में सीमा विवाद के बीच भारत को धमकी देते हुए कहा कि अपनी सीमा की रक्षा के लिए चीन जंग के हद तक भी जाने को तैयार हैं।  चीन की सरकारी मीडिया की ओर से प्रकाशित एक लेख में इन बातों का उल्लेख किया गया है। ग्लोबल टाइम्स के प्रकाशित इस लेख में कहा गया है कि चीन अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। भारतीय सेना के साथ हितों के टकराव के बीच अगर जंग की जरूरत पड़ी तो वो भी मंजूर है। सोमवार को चीन के एक रणनीतिक विशेषज्ञ ने इस प्रकार का बयान दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। 

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बता दें कि पिछले दिनों सिक्किम और भूटान में सीमा विवाद के चलते चीन और भारत के बीच रिश्ते काफी तनावपूर्ण हुए हैं। इसके बाद दोनों ओर से काफी बयानबाजी हुई। चीन ने भारत को 1962 के युद्ध की याद दिलाई, तो भारतीय रक्षामंत्री अरुण जेटली ने भी उनके माकूल जवाब दिया। इस सब से बौखलाए चीन ने अब इस लेख के जरिए भारत को धमकाया है। चीनी मीडिया ने शंघाई म्युनसिपल सेंटर ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफसर वेंग देहउ के हवाले से लिखा है कि हम भी 1962 से बहुत अलग हैं।  अगर दोनों देशों के बीच मौजूदा विवाद को नहीं संभाला गया तो जंग जैसे हालात बन सकते हैं। दोनों देशों को इसस बचते हुए विकास की ओर ध्यान देना होगा। कहीं ऐसा न हो कि दोनों की इस तकरार का फायदा कोई और उठा ले।

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इस दौरान लेख में चीनी विद्वान झोओ गांचेंग का हवाला देते हुए कहा गया है कि दोनों देशों को हितों और जंग की जगह बात आगे सुलझाने को लेकर ध्यान देना चाहिए।  दोनों देशों के बीच विवाद से किसी और देश को इसका फायदा उठाने का मौका मिल जाएगा। खासकर अमेरिका जैसे देश को. भारत को चीन के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। मधुर संबंध दोनों देशों के लिए हितकारी हैं। 

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पिछले दिनों अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम में कहा ता कि चीन को यह समझना चाहिए कि यह 1962 वाला भारत नहीं है। उस दौरान हालात अलग थे और इस दौरान हालात पूरी तरह अलग हैं। उन्होंने कहा कि भूटान ने बयान दिया है कि जहां चीन सड़क का निर्माण कर रहा है वह जमीन भूटान की है। भूटान और भारत के बीच सुरक्षा संबंध हैं।  इसलिए हमारी सेना वहां पर हैं।

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