नई दिल्ली । चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे के तहत बन रहे तीन बड़ी रोड परियोजनाओं पर भी भ्रष्टाचार की चोट लगी है। करोड़ों डॉलर की कीमत से बनने वाले इस गलियारे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसके चलते चीन ने फिलहाल अस्थायी रूप से इस परियोजना के लिए फंडिंग पर रोक लगाने का फैसला लिया है। मंगलवार के इससे संबंधित एक मीडिया रिपोर्ट जारी हुई। उधर, चीन के इस रुक से पाकिस्तान स्तब्ध है। वहीं कुछ पाकिस्तानी जानकार मान रहे हैं कि यह उनके देश के लिए अच्छी खबर नहीं है। आने वाले समय में इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
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आरोपों के बाद अब परियोजनाओं में होगी देरी
समाचार पत्र 'डॉन' के अनुसार चीन सरकार द्वारा पाकिस्तान नेशनल हाइवे अथॉरिटी (NHA) की फंडिंग रोके जाने से अरबों डॉलर की सड़क परियोजनाओं को करारा झटका लगेगा। इसके कारण कम से कम तीन परियोजनाओं में देरी की आशंका पैदा हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेइचिंग द्वारा नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद अब फंड जारी किया जाएगा। CPEC चीन के प्रतिष्ठित 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना का हिस्सा है। यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के हिस्से से भी गुजरेगी। इस परियोजना के जरिए चीन का शिनजियांग इलाका पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से जुड़ेगा।
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भ्रष्टाचार के आरोपों से ये परियोजनाएं प्रभावित
चीन द्वारा फंड रोके जाने के कारण जिन रोड परियोजनाओं पर असर पड़ेगा उनमे 210 किलोमीटर लंबा डेरा इस्माइल खान-झोब रोड 81 अरब की लागत से बन रहा है। इसके अलावा 110 किलोमीटर लंबा खुजदार-बसिमा रोड करीब 20 अरब की लागत से बन रहा है। तीसरी परियोजना जो फंड रोके जाने से प्रभावित हो सकती है वह है रायकोट से थाकोट के बीच काराकोरम हाइवे। 136 किलोमीटर लंबी इस सड़क के निर्माण पर करीब 8.5 अरब रुपये खर्च होने का अनुमान है।
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