चेन्नई।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश का पहला मानव रहित टैंक विकसित किया है। यह टैंक रिमोट से संचालित होगा। ये टैंक निगरानी करने, सुरंग का पता लगाने और परमाणु व जैविक खतरों का सर्वेक्षण करने में सक्षम है। इस टैंक को मूंत्रा नाम दिया गया है।
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अवाडी में वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान ने इस टैंक का परीक्षण सेना के लिए किया। लेकिन अर्धसैनिक बल इन टैंक्स का इस्तेमाल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में करने में रुचि दिखा रहे हैं। इसके लिए टैंक में कुछ संशोधनों करने की जरूरत होगी। बता दें कि अवाडी के सीवीआरडी में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देने के लिए डीआरडीओ ने साइंस फॉर सोल्जर्स नाम की एक प्रदर्शिनी लगाई थी।
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तीन तरह के हैं ये टैंक
ये मानवरहित टैंक तीन तरह के हैं। इनमें मुंत्रा-एस का निर्माण जमीन पर मानवरहित निगरानी मिशन, मुंत्रा—एम सुरंग का पता लगाने और मुंत्रा— एन ऐसे इलाकों का पता लगाने के लिए है, जहां परमाणु या जैविक हथियारों का जोखिम हो। इन टैंकपर सर्विलांस रडार, इंट्रीग्रेटेड कैमरा, लेजर रेंज फाइंडर लगा है, जो 15 किमी की दूरी से जासूसी के काम को अंजाम दे सकता है। यह बड़े वाहन से लेकर रेंगते हुए किसी घुसपैठिए तक का पता लगा सकता है।