Monday, April 29, 2024

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सवर्ण आरक्षण पर दलित नेता के बोल सुनकर विपक्षी नेताओं की बोलती हुई बंद

अंग्वाल न्यूज डेस्क
सवर्ण आरक्षण पर दलित नेता के बोल सुनकर विपक्षी नेताओं की बोलती हुई बंद

नई दिल्ली । लोकसभा में सर्वणों को आरक्षण के मुद्दे पर बहस के दौरान यूं तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने कई तरह के बयान दिए, लेकिन इस सब के बीच एक नेता ने संसद में ऐसा कुछ कह दिया कि हंगामा करते सांसदों को भी चुप होना पड़ गया। यह नेता कोई और नहीं बल्कि भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव थे। उन्होंने अपने मात्र 9 मिनट के भाषण में जिन मुख्य मुद्दों का जिक्र किया उसमें खास बात ये थी कि उन्होंने अपने संबोधन में - कैसे सवर्ण या अगड़ी जाति के नेताओं ने पिछड़ा वर्ग के कई बड़े नेताओं को राजनीति में आगे बढ़ाया, इसका उल्लेख किया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का जिक्र करते हुए देश और सांसदों को यह बताने की कोशिश की कि कैसे अगड़ी जाति  के नेताओं ने राजनीतिक स्वार्थ त्याग कर पिछड़े नेताओं को आगे करने में मदद की। 

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जब सुमित्रा महाजन ने दिया बोलने का मौका

असल में संसद में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने जब हुकुमदेव नारायण यादव को बोलने का मौका दिया तो विपक्षी नेताओं समेत अन्य ने सदन में हंगामा किया हुआ था। इस के बीच उन्होंने अपने भाषण के शुरुआत में बताया कि आखिर किस तरह डॉ वैधनाथ झा, डॉ शिवचंद्र झा, दिगंबर ठाकुर और भागीरथ झा ने उनकी मदद की। उन्होंने सदन को बताया कि जब इन समाजवादी नेताओं के घर मैं जाता था तो वो कहते थे कि हुकुमदेव जब पिछड़ों का राज आएगा तो गरीब ब्राह्मण के घर के बच्चों के बारे में भी आप सोचिएगा। संपूर्ण समाज के समग्र विकास के लिए सोचिएगा। आज वो समय आ गया है जब उनके बारे में सोचा जा रहा है।

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कुछ साथी बोले-भाजपा तो सवर्णों की पार्टी है


हुकुमदेव नारायण यादव ने इस दौरान बैकवर्ड कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की बात का जिक्र भी किया। कहा - मुझसे लोग कहते थे कि भाजपा में हो...भाजपा तो सवर्णों की पार्टी है । वे लोग बैकवर्ड कमीशन को संवैधानिक दर्जा नहीं देंगे लेकिन राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, लाल कृष्ण आडवाणी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं ने इसका समर्थन किया। उन्होंने पूछा कि क्या ये इन नेताओं की पिछड़े वर्ग के लिए कुर्बानी नहीं है क्या, इनके इस कुर्बानी को भूल जाएंगें?इस दौरान उन्होंने सपा के एक सांसद पर भी निशाना साधते हुए उनकी पार्टी के लिए खून पसीना बहाने वाले सवर्ण नेताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को बनाने में जनेश्वर मिश्र, ब्रजभूषण तिवारी, मोहन सिंह और राजनारायण जैसे नेताओं का योगदान कम हैं क्या?

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पिछड़े वर्ग के नेताओं को अगड़ों ने बढ़ाया

उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे पिछड़ा वर्ग के इन दो बड़े नेताओं को आगे बढ़ाने में उनके वक्त के कई अगड़े नेताओं ने मदद की। उन्होंने बैकवर्ड कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने में अगड़ी जाति के नेताओं की मदद की बात भी कही। राजनीति के जिस उदारवादी विचारधारा की बात वो कर रहे थे, उसने पूरी संसद को खामोश कर दिया. लोकसभा में उनका ये भाषण शायद आने वाले वक्त में भी याद रखा जाएगा।इतना ही नहीं अपने भाषण में उन्होंने समजावाद और उदारवाद का जिक्र किया। बोले-  देश में हमेशा से दो विचारधारा के बीच द्वंद रहा है। वो दो विचारधाराएं हैं कट्टरपंथी और उदारवादी । आज हिंदुस्तान में उदारवादी विचारधारा को बढ़ाने की जरूरत है ।  उन्होंने इसका जिक्र करते हुए वाल्मीकि से लेकर कई भाजपा के कई नेताओं का जिक्र किया। 

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