नई दिल्ली । पंजाब पुलिस ने खुलासा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए 84 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी रहे कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार खालिस्तानी उग्रवादियों के निशाने पर हैं। पंजाब पुलिस ने हाल में हिन्दुवादी और आरएसएस नेताओं की हत्याओं के आरोप में गिरफ्तार किए गए चार खालिस्तानी उग्रवादियों से पूछताछ के बाद इस बात का खुलासा किया है। पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों से मिली जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस को इस बाबत जानकारी दे दी है। इसके बाद जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार की सुरक्षा बढ़ाए जाने की तैयारी की जा रही है।
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बता दें कि पिछले दिनों पंजाब में हिंदू संगठनों के नेताओं पर हुए जानलेवा समहों के लिए धार्मिक कट्टरवाद सामने आया है। हिंदू संगठन के नेता की सरेआम हत्या की जांच में पंजाब पुलिस को पता चला कि इस सब के पीछे खालिस्तानी उग्रवादी संगठनों का हाथ है। 26 सितंबर 2017 को लुधियाना से पकड़े गए बब्बर खालसा के उग्रवादियों ने इस खुलासा किया था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर जिम्मी सिंह, जगतार सिंह जोहल उर्फ जग्गी, धर्मेंद्र उर्फ गुगनी और शार्प शूटर हरदीप शेरा से हुई पूछताछ में पता चला कि इनका अगला निशाना जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार थे।
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बता दें कि सिख कट्टरपंथियों ने साल 2002 में राष्ट्रीय सिख संगत को सिख विरोधी करार दिया था। बब्बर खालसा नामक खालिस्तानी संगठन ने 2009 में राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष रुलदा सिंह की पटियाला में गोली मार कर हत्या कर दी थी। उसके बाद कई वरिष्ठ RSS नेताओं को निशाना बनाया गया।
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बहरहाल, पुलिस गिरफ्तार रोपियों से आईएसआई और खालिस्तानी उग्रवादियों के हथकंडे पता लगाने की कोशिश कर रही है। वहीं गिरफ्तार उग्रवादी जिम्मी सिंह और जगतार सिंह का संबंध खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) से है और उनका प्रमुख हरमीत सिंह पीएचडी उर्फ डॉक्टर पाकिस्तान में छिपा है। वहीं केएलएफ का दूसरा बड़ा सरगना परमजीत सिंह पम्मा उर्फ बाईजी इंग्लैंड में रहता है।
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