नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में 20 हजार सीटों पर निर्विरोध चुने गए उम्मीदवारों के नामों की अधिसूचना जारी करने की अनुमति दे दी है। इन सीटों पर अधिकतर उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस के हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि टीएमसी की ओर से उम्मीदवारों को धमकाया गया था, जिसके चलते किसी नें आवेदन ही नहीं किया था। वहीं कई लोगों को नामांकन ही नहीं करने दिया गया था। शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध चुने गए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पर रोक लगाते हुए चुनाव आयोग से मामले में पूछताछ की। इसके बाद अब अपना फैसला सुनाया है।
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बंगाल सरकार ने की थी अपील
असल में पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील की थी कि पंचायत चुनावों में निर्विरोध चुने गए लोगों के नाम घोषित न किए जाने की वजह से 'असंवैधानिक समस्या' उत्पन्न हो गई है। इस पर कोर्ट ने 13 अगस्त को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग से पूछा था कि क्या इस मामले में जांच की गई है?
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आयोग बोला- अलार्मिंग सिचुएशन ' नहीं
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूछे गए सवालों पर पोल पैनल ने जवाब दिया था कि 50 हजार पंचायत सीटों में से 33 फीसदी सीटों पर निर्विरोध चुनाव लड़ा जाना 'अलार्मिंग सिचुएशन' नहीं है। पैनल ने कहा कि वह राजनीतिक पार्टियों से उम्मीदवारों को लड़ाने के लिए नहीं मना सकती। पैनल ने कहा कि जैसे ही पंचायत चुनावों को लेकर शिकायत मिली वैसे ही मामले में कार्रवाई की गई और यहां तक कि फिर से चुनाव भी कराए गए।
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