नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 11वें सिविल सेवा दिवस समारोह में शिरकत की। इस दौरान पीएम ने कहा कि अफसरों को यह सोचना चाहिए कि कहीं उनका अनुभव, उनके लिए बोझ तो नहीं बन रहा है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि हमारी सरकार के रहते हुए वह खुद पर बोझ महसूस न करें। उन्होंने कहा कि हमें जल्द से जल्द अपनी कार्यशैली को बदलना होगा। आज जरूरत है कि हम टीम भावना से काम करने की शैली में जाना होगा। अफसर इस बात को सोचें कि जिस निर्णय को लेने में उन्होंने 24 घंटे लिए थे, उस योजना पर 15 साल बाद भी काम नहीं हो पाया है।
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सर्वक्षेष्ठ लोगों से सर्वक्षेष्ठ परिणाम की उम्मीद
अफसरों से पीएम ने कहा कि आज लोगों के पास अब विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में अफसरों को चुनौतियों को अवसर में बदलना होगा। मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि अगले एक साल में काम की गुणवत्ता में बदलाव होना चाहिए, सिर्फ सर्वश्रेष्ठ होने से काम नहीं चलता, अगर सर्वश्रेष्ठ होने का ठप्पा आप पर लगा है तो सर्वश्रेष्ठ आपको देना भी होगा, इसे आदत बनाना जरुरी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप जैसे अधिकारियों की अंगुलियों पर है शासन व्यवस्था। ऐसे में अभाव के बीच रास्ता आप लोगों को ही बनाना होगा। आप ही लोगों को इस अभाव में रास्ते खोजने होंगे।
अनुभव का बोझ हम ट्रांसफर करते चले जाएं...
प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावी कार्यशैली के मंत्र देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज जरूरत है हम अपने अनुभव को आगे ट्रांसफर करते चले जाएं। हम किसी काम में बाधा बनने के बजाए नए नजरिए से चीजों को सोचें। हमें गर्व होना चाहिए कि जित खेत को हमने जोता था वह चल निकला, हमारे बाद वाले ने खेत में पानी दिया, उसके बाद वाले ने पोध लगाई, उसके बाद वाले ने देखभाल की और उसके बाद वाला फल लेकर आया....इस सब से देश का विकास होगा। इस विकास में इन सभी का योगदान जरूरी है।
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जो जनता के काम आए वो मेरे लिए जरूरी
इस दौरान पीएम ने कहा कि आज ज्यादातर अधिकारी सोशल मीडिया पर व्यस्त रहते हैं। मैं सोशल मीडिया की ताकत को जानता हूं। लेकिन इस दौरान अपना प्रचार करना यह ठीक नहीं है। यह बात तय है कि जो जनता के काम आएगा वो मेरे लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में अधिकारी अपने विवेक से ताकत का इस्तेमाल करें। सोशल मीडिया के जरिए व्यवस्था का प्रचार उपयोगी होगा। हमें जल्द से जल्द अपनी कार्यशैली बदली होगी।
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