नई दिल्ली । देश में तीन तलाक के मुद्दे पर एक ओर जहां जोरदार बहस छिड़ी हुई है वहीं शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के बाद महिला को दिए जाने वाले गुजारा भत्ता को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तलाक के बाद पति द्वारा पत्नी को दिए जाने वाला भरण-पोषण भत्ता की राशि तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तलाक के बाद पति को अपनी नेट सैलरी का 25 फीसदी हिस्सा अपनी तलाकशुदा पत्नी को देना होगा। इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि यह बिल्कुल सही होगा।
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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आर भानुमति और एमएम संतनागौदर की पीठ ने गुजारे भत्ते के एक मामले में शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के बाद गुजारा भत्ता तय करते हुए कोर्ट ने महिला के पति को निर्देश दिए। कहा गया कि वह तलाकशुदा पत्नी को अपने (97 हजार रुपये) वेतन में से हर महीने 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता दे। दोनों में 2012 में तलाक हो गया था। हालांकि इससे पहले कोलकाता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इसे अपनी पूर्व पत्नी को 23 हजार देने होंगे लेकिन इसे ज्यादा बताते हुए इस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ ने भरण-पोषण की इस रकम में कटौती करते हुए कहा कि महिला को इतनी रकम मिल सके जिससे वो अपना गुजारा कर सके लेकिन तलाक के बाद पुरुष पर भी उसके नए परिवार की जिम्मेदारी होती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ता तय करते वक्त दोनों पार्टी के स्तर, क्षमता और मौजूदा स्थिति को देखना होगा।
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