Tuesday, May 7, 2024

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एच-1बी वीजा - अमेरिकी राष्ट्रपति ने नए कार्यकारी आदेश पर किए हस्ताक्षर, भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स पर असर

अंग्वाल न्यूज डेस्क
एच-1बी वीजा - अमेरिकी राष्ट्रपति ने नए कार्यकारी आदेश पर किए हस्ताक्षर, भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स पर असर

नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा वीजा के कुछ नियमों में किए बदलाव के बाद अमेरिका ने भी भारतीय कामगारों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। अब अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भारतीय आईटी कंपनियों को करारा झटका देते हुए बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया के बाद अब अमेरिका ने भी वैसा ही सुर अलापते हुए कहा कि उनका देश भी नौकरी देने के लिए अपने लोगों को ज्यादा प्राथमिकता देगा और इस फैसले का मकसद भी अमेरिकी कंपनियों को इसके लिए बाध्य करना है। 

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बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल ने मंगलवार को एक जोरदार झटका देते हुए अपने वीजा कार्यक्रम 457 को रद कर दिया है। इसके बाद अमेरिका ने अपने एच-1बी वीजा के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक कड़ा कदम उठाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बीच बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अमेरिका के इस कदम से सबसे ज्यादा भारतीय आईटी कारोबार प्रभावित होगा।

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हालांकि ट्रंप के इन नए आदेशों के बाद एच-1बी वीजा के दुरुपयोग की समीक्षा की जाएगी। इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के दौरान ट्रंप ने कहा कि एच-1बी वीजा के जरिए अमेरिकियों की नौकरियां छीन रही थीं। इससे रोकने के लिए हम इस तरह के कदम उठाए हैं। वैसे भी यह मुद्दा ऐसा नहीं है जिसे ट्रंप ने एकाएक लागू किया हो, ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान ही इस तरह के संकेत दिए थे। 


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जानिए क्या होता है एच-1बी वीजा

चलिए आपको बताते हैं कि आखिर यह वीजा क्या है। असल में यह वीजा ऐसे विदेशी प्रोफेशनल्स को जारी किया जाता है, जो किसी खास काम के लिए स्किल होते हैं। अमेरिकी इमिग्रेशन सर्विसेज के मुताबिक, इसमें वैज्ञानिक, इंजीनियर, आईटी से जुड़े लोग शामिल हैं। अमेरिका हर साल करीब ऐसे 85  हजार वीजा विदेशी पेशेवरों के लिए जारी करता है। खास तौर पर भारतीय आईटी कंपनियां और प्रोफेशनल इस वीजा पर काफी निर्भर होते हैं। 

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