वाशिंगटन । पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश एक मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कई बार चीन अपना अड़ंगा लगा चुका है। वीटो का इस्तेमाल करके चीन कई बार भारत-अमेरिका समेत कई अन्य देशों की मांग को दरकिनार कर चुका है ,लेकिन अब इस मुद्दे पर अमेरिका का एक तल्ख बयान आया है।
अमेरिका की ओर से बयान आया है कि जो देश आतंकियों पर अंकुश लगाने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल करके कई देशों की मुहिम पर बट्टा लगा रहे हैं, वे ऐसा करके भी इस मामले में कुछ देशों द्वारा कार्रवाई किए जाने से नहीं रोक सकते। कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कोई स्थायी सदस्य कैसे वीटो पावर का इस्तेमाल कर उन पर कार्रवाई को बाधित कर सकता है।"
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ये बयान दिया है मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हैली ने। उन्होंने सिक्युरिटी काउंसिल प्रेसिडेंट के आगामी दिनों में होने वाले रुख को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, अमेरिका का ट्रंप प्रशासन आतंकियों पर कार्रवाई किए जाने में रोड़ा बनने वाले देशों और ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। हालांकि हैली ने इस दौरान चीन का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा, हम आतंकियों खासकर साउथ एशियाई रीजन में उन पर लगे सेंक्शंस की बात कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का कोई स्थायी सदस्य कैसे वीटो पावर का इस्तेमाल कर उन पर कार्रवाई को बाधित कर सकता है।
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इस दौरान हैली ने तल्ख लहजे में कहा कि अमेरिका की आतंकवाद और आतंकियों पर कार्रवाई बदस्तूर जारी रहेगी, भले ही कुछ देश इस पर वीटो लगा रहे हों। हम अपने रुख में किसी तरह का कोई बदलाव करने नहीं जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अन्य देशों के समर्थन की बात पर कहा कि हम साथ होंगे तो हम अपने लक्ष्य तक जल्दी पहुंच सकेंगे बजाए कि अमेरिका इस मुद्दे पर अकेला कोशिश करे।
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हैली ने कहा कि अमेरिका हमेशा से भारत-पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंधों का पक्षधर रहा है। ट्रंप प्रशासन भी दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को लेकर चिंतित है। हम चाहते हैं कि किसी भी प्रकार के विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए हमारी जरूरत हुई तो हम जरूर मध्यस्ता को तैयार हैं। अमेरिका दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। हमें आने वाले समय में किसी घटना के होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। कश्मीर के मुद्दे पर हैली ने कहा कि हमें लगता है कि दोनों देशों के बीच जारी इस विवादित मुद्दे पर हम कोई सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
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