लखनऊ । अगर आप देवबंद, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिलों में रहने वाले पासपोर्ट धारक हैं तो आने वाले दिनों में आपके पासपोर्ट बनवाने के लिए दिए गए आपके सभी कागजों का सत्यापन होने वाला है। ये फैसला हाल में दो संदिग्ध बांग्लादेशी आतंकियों के पकड़े जाने के बाद लिया गया है, जिनके पास से देवबंद के पते पर बने नकली पासपोर्ट मिले हैं। इन लोगों ने नकली पासपोर्ट बनवाने के लिए नकली दस्तावेजों का सहारा लिया। अब इनसे पूछताछ में सामने आया है कि इलाके में आतंकी मॉड्यूल के दहशतगर्द यहां छिपे हो सकते हैं, जिनके पास नकली दस्तावेजों से बने पासपोर्ट हैं।
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अंग्रेजी अखबार TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पासपोर्ट धारकों के कागजों का सत्यापन करने के पीछे मंशा यहां नकली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने वाले दहशतगर्दों की धरपकड़ करना है। इसके पीछे किसी भी प्रकार की कोई दूसरी मंशा नहीं है। पुलिस मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों के सभी पासपोर्ट धारकों का सत्पापन करेगी। पुलिस का कहना है कि पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब कई आतंकी मॉड्यूल का संबंध देवबंद या इसके आसपास के इलाकों से जुड़ा पाया गया।
पुलिस ने बताया कि पिछले दिनों दबोचे गए बांग्लादेशी आतंकियों के पासपोर्ट सहारनपुर से बने थे। इन्हें मुजफ्फरनगर में पकड़ा गया था। अब इन लोगों से पूछताछ में कुछ इनपुट मिले हैं, जिसमें आशंका जताई जा रही है कि ऐसे कई संदिग्ध लोगों ने इन इलाकों के पते पर नकली दस्तावेजों के आधार पर अपने पासपोर्ट बनवाए हुए हैं, ऐसे में लोगों द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों के सत्यापन की जांच का काम जल्द शुरू किया जाएगा।
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बता दें कि अगस्त में यूपी एटीएस ने बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल्ला अल-मामून को पकड़ा था। वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एबीटी) का सदस्य था और मुजफ्फरनगर में पकड़े जाने से पहले देवबंद में कई सालों तक छिपा रहा। उसके पकड़े जाने के बाद से कई सहयोगियों को पकड़ा गया है।
इतना् ही नही मामून की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर भगोड़े आतंकी फैजान अहमद के सहारनपुर ठिकानों पर छापे मारे गए थे, जहां से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़ी सामग्री पाई गई। अब पुलिस के सूत्रों की मानें तो अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के बाद डर के मारे यहां के कई आतंकी मॉड्यूल से जुड़े दहशतगर्द फरार हो गए हैं, लेकिन उन्होंने इन्हीं इलाकों से पते पर अपने पासपोर्ट बनवाए हुए हैं।
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