प्रयागराज । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी की खुदकुशी के बाद का वीडियो सामने आया है । इस वीडियो के बाद उनकी आत्महत्या किए जाने की थ्योरी को लेकर कुछ सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं । सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गठिया की बीमारी से परेशान महंत जिन्हें चलने में भी दिक्कत होती थी , वो आखिर कैसे स्टूल के ऊपर चढ़कर पंखे के हुक पर रस्सी को बांध पाए । आखिर उन्हें लटका देखने के बाद किसने रस्सी काटी और उसके बाद किसने कमरे का पंखा चलाया । खुदकुशी के बाद के वायरल वीडियो में एक कैची भी नजर आ रही है , जिससे नायलॉन की रस्सी काटे जाने की बात कही जा रही है । इसके साथ ही कई सवाल उठ रहे हैं , जिसे लेकर साधु समाज ने किसी साजिश की आशंका जताई है ।
1- महंत नरेंद्र गिरी की खुदकुशी के मामले में पहला सवाल यह उठ रहा है कि उनका कमरा सबसे पहले किसने खोला और किसने उन्हें पंखे से लटकता पाया ।
2 - उस दौरान महंत की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी कहां थे , क्या उन्होंने कोई एक्शन लिया ।
3 - महंत के कमरे का दरवाजा किसने तोड़ा और तत्काल पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई ।
4 - आखिर किसने महंत के शव को फंटे से उतारा , किन - किन लोगों ने इसमें मदद की ।
5 - आखिर कैसे गठिया के मरीज और उम्रदराज महंत स्टूल पर चढ़ने के बाद पंखे के हुक तक पहुंच गए ।
6 - आखिर कैसे खुद महंत ने स्टूल पर चढ़ने के बाद पंखे के हुक पर रस्सी बांधी , जबकि वह गठिया के मरीज थे और उन्हें चलने फिरने में भी काफी तकलीफ रहती थी ।
7 - आखिर जिस रस्सी से महंत ने खुदकुशी की , उसे किसने तीन हिस्सों में काटा , पहला हिस्सा - पंखे से अभी भी लटका हुआ है, दूसरा कटा हुआ हिस्सा महंत के कमरे में रखी टेबल पर कटा हुआ नजर आया , और तीसरा फंदा महंत के गले में था ।
8 - महंत का वजन काफी था, ऐसे में किन दो लोगों ने उन्हें फंदे से उतारा और किस तरह उतारा ।
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9 - वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी का शव नीचे उतार दिया गया है और ऊपर वही पंखा चल रहा है , जिसपर लटक कर महंत ने खुदकुशी की थी । पंखा पूरी स्पीड से चलता नजर आया ।
10 - आखिर खुदकुशी के समय महंत का फोन क्यों बंद था , या रात में फोन बंद करने के बाद उन्होंने खुदकुशी की ।
11 - प्रत्यक्षदर्शियों के साथ ही निरंजनी अखाड़े के रविंद्र पुरी का कहना है कि न तो महंत की जीभ ही बाहर आई हुई थी न ही उनकी आंखें बाहर की ओर निकली हुई थीं , ऐसे में तकनीकी जानकार लोगों का कहना है कि इस खुदकुशी की स्टोरी में कुछ खटक रहा है ।
12 - इतना ही नहीं महंत ने अपने सुसाइड नोट में मठ का उत्तराधिकारी जिस बलवीर गिरी को बनाने की बात कही है , असल में वह गिरी नहीं बल्कि बलवीर पुरी है । रविंद्र पुरी का कहना है कि अगर महंत ने खुद वह पत्र लिखा है तो वह इस तरह की गलती कैसे कर सकते हैं ।
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13 - इस सबके बीच एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी मठ के दूसरी मंजिल पर रहा करते थे आखिर क्यों वह खुदकुशी करने के लिए ग्राउंड फ्लोर स्थित गेस्ट हाउस के कमरे में गए । वह खुदकुशी अपने कमरे में भी कर सकते थे ।
14 - इतना ही नहीं महंत के शिष्यों के बयानों में भी कुछ अंतरविरोध नजर आ रहा है । इस सब के चलते ही इस मामले की जांच योगी सरकार ने सीबीआई से करवाने जाने की संस्तुति की है।
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