लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक बार फिर सरकारी राशि के दुरुपयोग करने को लेकर चर्चा में हैं। जानकारी के अनुसार, अखिलेश सरकार के दौरान गोसेवा आयोग ने प्रदेश की गौशालाओं के लिए आए सरकारी फंड की 86 फीसदी राशि सिर्फ अपर्णा यादव की संस्था को दी थी। यह खुलासा एक आरटीआई में हुआ है। बता दें कि अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और अखिलेश यादव के भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं। वह जीव आश्रय नाम से एक गोसेवा संस्था चलाती हैं।
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आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने यह आरटीआई दाखिल की थी। उन्होंने अपर्णा यादव को मिलने वाले अनुदान की जानकारी मांगी थी। नूतन ठाकुर ने बताया कि अर्पणा लखनऊ के अमौसी के पास गौसेवा संस्था चलाती है। उन्होंने बताया कि गोसेवा आयोग से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार, आयोग ने 2012 सो 2017 के दौरान 9 करोड़ 66 लाख रुपये का कुल अनुदान जारी किया। इस राशि में से 8 करोड़ 35 लाख केवल अपर्णा यादव की संस्था को दिए गए। यानी की 86 फीसदी से ज्यादा राशि अकेले यादव परिवार की बहू को दी गई।
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आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2012-13 में जीव आश्रय को 50 लाख, 2013-14 में 1 करोड़ 25 लाख, 2014-15 में 1 करोड़ 41 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। वहीं 2015—16 और 2016—17 में क्रमश: 2 करोड़ 58 लाख रुपये और 2 करोड़ 55 लाख रुपये दिए गए। जबकि चार संस्थाओं को मिलाकर कुल 63 लाख रुपये दिए गए।
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बता दें कि 2017—18 में योगी सरकार में आयोग की तरफ से विभिन्न गौशालाओं को 1.05 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है जिनमें अपर्णा यादव की संस्था शामिल नहीं है।