नई दिल्ली।
ईवीएम मशीन में गड़बड़ी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग द्वारा तीन जून को ईवीएम हैकाथॉन कराई जा रही है। लेकिन इस हैकाथॉन में केवल दो पार्टियां ही हिस्सा लेंगी। केवल एनसीपी और माकपा ने इसके लिए अपने आवदेन भेजे हैं, बाकी पार्टियों ने इससे किनारा किया है। दरअसल, आयोग ने 26 मई तक ईवीएम हैकाथॉन के लिए सभी दलों से आवेदन मांगे थे, जिसमें से केवल 8 दलों ने अपने जवाब भेजे थे। इन आठ दलों में से केवल माकपा और एनसीपी ने इसमें भाग लेने के लिए सहमति भेजी थी, बाकी दलों ने नियमों में कुछ परिवर्तन की मांग की थी।
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चुनाव आयोग ने बताया कि एनसीपी और माकपा ने ईवीएम चुनौती में भाग लेने की इच्छा जताई है। आप और कांग्रेस ने चुनौती की मौजूदा रूपरेखा पर कुछ सवाल किए हैं, लेकिन इसमें हिस्सा लेने की इच्छा नहीं जताई है।
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कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कहा है कि उसने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ करने संबधी जो नियम बनाए हैं, उनमें कुछ में बदलाव करने पर वह विचार करे, ताकि लोगों के मन में इससे संबंधित आशंकाओं को दूर किया जा सके। वहीं आम आदमी पार्टी के दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि यह हैक करने का कार्यक्रम नहीं है, इस नाटक में हिस्साा क्यों लेना?
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि न आप टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं, न उसे छू सकते हैं और ना ही खोल सकते हैं। तो फिर कोई जादू थोड़ी है कि गुली-गुली पाशा किया और ईवीएम हैक हो गई। ईवीएम की हैकिंग एक साइंस है एक तकनीक है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्सपट्र्स के नाम तय करने के लिए मोहलत मांगी थी, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया।