Tuesday, May 7, 2024

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CCD प्रमुख सिद्धार्थ का शव मिलने पर राजनीति गरमाई , कांग्रेसी नेता बोले - मौत संदिग्ध , वह ऐसा कदम नहीं उठा सकते

अंग्वाल न्यूज डेस्क
CCD प्रमुख सिद्धार्थ का शव मिलने पर राजनीति गरमाई , कांग्रेसी नेता बोले - मौत संदिग्ध , वह ऐसा कदम नहीं उठा सकते

बेंगलुरु । कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वी. जी. सिद्धार्थ का आखिरकार शव  मिल गया है । करीब 36 घंटे से लापता सिद्धार्थ का शव नेत्रावती नदी से बरामद किया गया । पुलिस, तटरक्षक बल, गोताखोर और मछुआरे समेत कुल 200 लोगों की टीम नेत्रावती नदी में सिद्धार्थ को ढूंढने में जुटी हुई थी । हालांकि उनके पूर्व में लिखे पत्र से ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि व्यापार में कर्ज होने की सूरत में उन्होंने आत्महत्या कर ली है । इसी के साथ इस मुद्दे ने राजनीति रंग भी ले लिया है । कांग्रेसी नेता ने इस मौत पर संदेह जताया है। हालांकि भाजपा ने इस मुद्दे को राजनीति रंग न देने की अपील की है । 

विदित हो कि करीब 3 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की कंपनी कैफे कॉफी डे के मालिक और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के दामाद वी जी सिद्धार्थ सोमवार की शाम से अचानक लापता हो गए थे । सिद्धार्थ 29 जुलाई को मंगलुरु आ रहे थे और बीच रास्ते में  शाम के करीब 6.30 बजे गाड़ी से उतर गए और नेत्रावती नदी पर बने पुल पर टहलने लगे । वो टहलते-टहलते ही लापता हो गए जिसके बाद उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया था ।   

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वहीं इस मामले ने राजनीति बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार ने कहा कि सिद्धार्थ का लापता होना उन्हें ‘‘अत्यंत संदिग्ध'' लगता है । इस मामले की जांच होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ द्वारा कथित तौर पर लिखा गया पत्र, जो इस समय सोशल मीडिया में ‘घूम रहा है', वह शनिवार 27 जुलाई का है और उन्हें रविवार को उनका फोन आया था और उन्होंने पूछा था कि क्या वे मिल सकते हैं। 

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शिवकुमार ने ट्वीट करके कहा, ‘यह अविश्वसनीय है कि उनके जैसा एक हिम्मती आदमी ऐसा कदम उठाएगा । उन्होंने कहा कि वह दशकों से सिद्धार्थ और उनके परिजन को करीब से जानते हैं । उन्होंने कहा, ‘हालांकि, मुझे समझ में आया है कि (सिद्धार्थ का लापता होना) पूरी तरह से संदिग्ध है और इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

वहीं पिछले हफ्ते सीएम पद से इस्तीफा देने वाले कुमारस्वामी ने कहा, 'सुबह जब मैंने यह खबर सुनी, मैं चौंक गया । कोई नहीं जानता कि आयकर विभाग क्या चाहता है । अधिकारी बॉडी की तलाश कर रहे थी। उन्होंने कई ग्रामीणों को जीवन दिया। सिद्धार्थ ने कई चुनौतियों का सामना किया। वे कई युवाओं के रोल मॉडल थे। 'कुमारस्वामी ने कहा, ' मेरी उनसे मुलाकात 7 महीने पहले ही हुई थी । मुलाकात के दौरान उन्होंने आयकर विभाग के टैक्स छापे के बारे में बात की थी, लेकिन उनके खिलाफ किसी तरह के कोई आरोप तय नहीं किया गया था। लेकिन हमने मीडिया में आया उनका अंतिम खत देखा, यह चौंकाने वाला है। जनता दल सेक्यूलर के नेता और पूर्व पीएम देवगौड़ा भी दुख की इस घड़ी में एम एम कृष्णा के परिजनों से मिलने पहुंचे थे।

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वहीं उनके द्वारा कथित रूप से लिखे एक पत्र में कहा गया है कि उन पर कर्जदाताओं का ‘भारी दबाव' था । वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के बाद उनका एक खत भी सामने आया था जिसमें उन्होंने कर्ज के बोझ और मुश्किल परिस्थितियों के आगे हार मानने की बात लिखी थी। सिद्धार्थ ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कॉफी कैफे डे परिवार को संबोधित करते हुए पत्र में लिखा, 37 सालों तक कड़ी मेहनत से काम करने के दौरान कंपनी में 30,000 नौकरियां पैदा हुईं, लेकिन मैं अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद मुनाफे का बिजनेस खड़ा नहीं कर सका। सिद्धार्थ ने लिखा, इस कंपनी को मैंने अपना सब कुछ दिया। मैं उन लोगों को निराश करने के लिए माफी मांगना चाहता हूं जिन्होंने मुझमें भरोसा जताया। मैं बहुत लंबे वक्त से लड़ रहा था लेकिन अब मैंने हार मान ली है। मैं एक प्राइवेट एक्विटी पार्टनर के शेयर वापस खरीदने के दबाव को और नहीं झेल पा रहा हूं। सिद्धार्थ ने आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी पर भी प्रताड़ना का आरोप लगाया था।

विदित हो कि सिद्धार्थ के लापता होने के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), तटरक्षक, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग एवं तटीय पुलिस की टीमों ने उस पुल के नीचे नेत्रावती नदी के पानी में तलाश की जहां 60 वर्षीय सिद्धार्थ को आखिरी बार देखा गया था । पुलिस के अनुसार कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस. एम. कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ (V G  Siddhartha) को दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा इलाके में नेत्रावती नदी के पुल के पास सोमवार रात देखा गया था । स्थानीय मछुआरे भी अपनी नौकाओं के साथ तलाश अभियान में शामिल किए गए थे ।  

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