मुंबई । क्या मुंबई को लेकर सालों पहले की गई डरावनी भविष्यवाणियां आने वाले समय में सच साबित होने वाली हैं...? क्या ग्लोबल वार्मिंग के चलते समुद्र किनारे वाले शहरों पर खतरें और उनके अस्तित्व को लेकर की गई भविष्यवाणियां सच होंगी। क्या दशकों पहले मुंबई को लेकर की गई वह भविष्यवाणी सही साबित होगी, जिसमें कहा गया था कि एक दिन मुंबई पानी में डूब जाएगी...? इन दिनों मुंबई समेत देश के लोगों के बीच यह विषय चर्चा के केंद्र में हैं। मुंबई में पिछले कुछ सालों से मानसून के दौरान जो हालात पैदा होते हैं , वो काफी चिंताजनक हैं। इस बार पिछले कुछ दिनों की बारिश के बाद आज जो हाल देखने को मिले हैं, वह काफी भयावह है। पूरी मुंबई पिछले 24 घंटे की बारिश के चलते पानी में डूब गई है। क्या आम...और क्या खास सभी की झुग्गी से लेकर बंगले जलभराव की परेशानी से प्रभावित हुए हैं। इस सब के बीच मुंबई समेत देश के लोगों के मन में एक सवाल उठ रहा है...क्या सच में मुंबई का अस्तित्व खतरे में हैं...?
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असल में मुंबई को समुद्र से खतरा बढ़ता जा रहा है। समुद्र की लहरें दिनोंदिन ऊंची हो रही हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर समुंद्र में जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब मुंबई समुद्र में समा जाएगी। इसके साथ ही अमेरिकी अतंरिक्ष संस्थान नासा ने 2 साल पहले एक चेतावनी जारी की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि दुनिया में समुद्र के किनारे जो भी शहर हैं, उनके डूबने का खतरा है क्योंकि समुद्र का स्तर तीन फीट तक बढ़ जाएगा।
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असल में नासा ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा था कि मुंबई, न्यूयॉर्क और टोक्यो जैसे शहर इस सदी के अंत तक समुद्र में समा जाएंगे। उस दौरान नासा ने एक इंफोग्राफिक जारी किया था, जिसमें नासा ने कहा समुद्रों के अधिक गर्म होने के कारण इसके स्तर में तीन फीट बढ़ने की आशंका जताई ती। 20वीं सदी के शुरुआत में समुद्र का स्तर आठ इंच तक बढ़ गया था। नासा ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मनुष्यों द्वारा वातावरण में छोड़ी जा रही ग्रीन हाउस गैस का 90 प्रतिशत हिस्सा समुद्र में जा रहा है। इस कारण हाल के वर्षों में वातावरण में बदलाव आए हैं और पृथ्वी पर मौजूद बर्फ तेजी से पिघल रही है। उस दौरान नासा ने चेतावनी देते हुए कहा था कि समुद्र में जलस्तर बढ़ने का मतलब होगा कि पानी पहले निचले इलाकों में घुसेगा। इसके बाद समुद्री तूफान और ऊंचे समुद्र की ओर से आने वाले तूफानों के कारण पानी अंदर ऊपरी इलाकों तक पहुंचेगा।
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ऐसे में मुंबई को समुद्र से खतरा बढ़ता जा रहा है। समुद्र की लहरें दिनोंदिन ऊंची हो रही हैं। नासा से अलग भारत और अन्य देशों के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ऐसा ही होता रहा तो आने वाले दिनों में मुंबई समुद्र में समा जाएगी। पिछले कुछ सालों में जिस तरह मानसून के दौरान मुंबई पूरी तरह रुकी नजर आती है उससे लगता है कि यह भविष्यवाणी इस सदी के अंत तक क्या उससे पहले ही सही साबित हो जाएगी। मुंबई में जलभराव की स्थिति जिस हद तक खतरनाक हो रही है, उससे आशंका जताई जा रही है कि आने वाले सालों में मुंबई में बरसात काफी जान-माल का नुकसान न करे।
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वहीं एक रिपोर्ट में इन तथ्यों को रखा गया है कि समुद्र तट पर बसे शहरों में बाढ़ जैसी मुसीबतों के कारण अभी सालाना (6 बिलीयन डालर) 66 अरब रूपयों का नुक़सान हो रहा है। यह आंकड़ा 2050 तक बढ़ कर सालाना (6 ट्रिलीयन डालर) 66 ख़रब रूपये तक हो सकता है। अभी दुनिया के बड़े 15 शहरों में से 11 समुद्र किनारे हैं।
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