नई दिल्ली । कोरियाई प्रायद्वीप के दो देश उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच गतिरोधों को लेकर बातचीत जारी है। इस बीच हवाई द्वीप के निवासियों को जिस बात का डर था आखिरकार वह डर उनके सामने खड़ा हो गया। लोगों के मोबाइल पर शनिवार सुबह एक अलर्ट आया, जिसे देखने के बाद उनके होश फाख्ता हो गए। यह अलर्ट था न्यूक्लियर अटैक का। असल में हवाई में लोगों के मोबाइल पर अलर्ट और सायरन के जरिए यह मैसेज फ्लैश किया गया, जिसमें साफ किया गया कि बैलेस्टिक मिसाइल अटैक होने वाला है, लिहाजा सभी नागरिक अपने लिए सुरक्षित जगह तलाश लें। हवाई के करीब 1.43 मिलियन लोगों की सांसें अटकी रहीं । लोगों ने इस सब के पीछे उत्तर कोरिया से विवाद को माना, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद लोगों को एक दूसरा मैसेज अलर्ट मिला। इस मैसेज में संदेश था कि मिसाइल अटैक की पूर्व सूचना गलती से भेज दी गई थी। इस तरह का कोई अटैक नहीं हुआ है। यह एक मानवीय भूल थी। इस वाकये के बाद हवाई के गवर्नर ने एक पत्रकार वार्ता बुलाकर इस पूरी घटना को एक ‘ब्लंडर मिस्टेक’ बताया है। उनका कहना था कि कर्मी ने गलती से न सिर्फ इस बटन को दबा दिया बल्कि उसने टेस्ट अलर्ट की जगह लाइव अलर्ट को भी सिलैक्ट कर दिया था।
असल में उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे के बीच हवाई में वो सब हुआ, उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। शनिवार सुबह करीब 8:07 बजे हवाई द्वीप पर लोगों के मोबाइल पर एक अलर्ट आया। इस अलर्ट को पढ़ने के बाद सबके होश उड़ गए। यह अलर्ट था न्यूक्लियर अटैक का। दरअसल हवाई में मोबाइल अलर्ट और सायरन के जरिए यह मैसेज फ्लैश किया गया था कि बैलेस्टिक मिसाइल अटैक होने वाला है, लिहाजा सभी नागरिक अपने लिए सुरक्षित जगह तलाश लें। एकाएक पूरे हवाई द्वीप में अफरातफरी मच गई। सभी के जेहन में इसको लेकर सबसे पहला ध्यान उत्तर कोरिया की तरफ गया लेकिन हकीकत में इसके पीछे उत्तर कोरिया कहीं नहीं था।
अभी लोग अपने अपनों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की जुगत में लगे ही थे कि दूसरा मैसेज अलर्ट सुबह करीब 8:43 बजे लोगों के फोन पर आया। इस संदेश में कहा गया कि मिसाइल अटैक की पूर्व सूचना गलती से भेज दी गई थी। इस तरह का कोई अटैक नहीं हुआ है।
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वहीं इस हवाई के प्रतिनिधि मैट लॉपरेसिटी ने कह दिया है कि वह इस गलती से काफी खफा है और जो कोई भी इसके लिए जिममेदार है उन्हें अपनी नौकरी से हाथ तक धोना पड़ सकता है।
बता दें कि इस द्वीप और पूरे देश में बैलेस्टिक मिसाइल के अलर्ट के लिए इंटिग्रेटेड पब्लिक अलर्ट एंड वार्निंग सिस्टम बना हुआ है। इसके जरिए ही मैसेज या अलर्ट भेजा जाता है। इसके अलावा खतरा होने पर टीवी पर भी इसको ब्रॉडकास्ट किया जाता है। एफसीसी पब्लिक सेफ्टी एंड होमलैंड सिक्योंरिटी ब्यूरो के पूर्व चीफ रिटायर्ड एडमिरल डेविड सिंपसन के मुताबिक सभी को मैसेज भेजने के लिए सिस्टम के तहत कई सर्वरों का इस्तेमाल किया जाता है जहां प्री रिकॉर्डिड मैसेज के जरिए अलर्ट दिया जाता है। ये भी पढ़ें- हनुमानजी से आशिर्वाद लेकर राहुल गांधी ने रखा संसदीय क्षेत्र में कदम, लोगों ने कहा- लापता सांसद का स्वागत
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