चमोली जिले में स्थित माणा गांव भारतीय सीमा पर बसा आखिरी गांव है। माणा का पौराणिक नाम मणिभद्र है।
बद्रीनाथ से 4 कि.मी. दूर उत्तर में स्थित इस गांव में ही अलकनंदा और सरस्वती नदी का संगम होता है।
यहां के प्रमुख स्थलों में गणेश गुफा, व्यास गुफा और भीमपुल खासे लोकप्रिय हैं।
कहा जाता है कि महर्षि व्यास ने गुफा में बैठकर भागवत कथा को मौखिक तौर पर कहा था और उसे लिखने का काम भगवान गणेश ने गणेश गुफा में किया था।
बद्रीनाथ से लगे होने के कारण यात्रा के दौरान माणा गांव में मई से अक्टूबर महीने का समय सही रहता है। बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय लोग अपने गांव आ जाते हैं।
छह माह तक इस गांव में खासी चहल पहल रहती है। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाने पर यहां पर आवाजाही बंद हो जाती है।