5 जनवरी 1941 को भोपाल में जन्मे मंसूर अली खान पटौदी को ''टाइगर'' नाम से भी जाना जाता है। उन्होने 16 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सुसेक्स के लिए डेब्यू किया। ऑक्सफोर्ड के लिए खेलने वाले मंसूर अली खान पटौदी पहले भारतीय क्रिकेटर थे।
1 जुलाई 1961 को होव में एक कार एक्सीडेंट में एक कांच का टुकड़ा उनकी आंख में लग गया और उनकी दाईं आंख हमेशा के लिए खराब हो गई। इस एक्सीडेंट के बाद उनके क्रिकेट करियर पर हमेशा के लिए खत्म होने का खतरा मंडरा रहा था, मगर पटौदी जल्दी ही नेट प्रैक्टिस पर लौटे और एक आंख के साथ ही बेहतरीन खेलने लगे।
आंख में खराबी आने के 6 महीने से भी कम समय में पटौदी ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। वे दिल्ली में इंग्लैंड के विरोध में खेले। वे अपनी दाईं आंख कैप के नीचे छुपाकर खेलते थे। मद्रास (चेन्नई) में अपने तीसरे ही टेस्ट में पटौदी ने 103 रन बनाए। उनके इन रनों की बदौलत भारत इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली सीरीज जीतने में सफल हुआ।
साल 1962 में पटौदी को वाइस कैप्टन वेस्टइंडीज टूर के लिए बनाया गया। मार्च 1962 में मंसूर अली खां पटौदी भारतीय टीम के कप्तान नियुक्त किए गए। कई वर्षों तक दुनिया के सबसे कम उम्र के कप्तान का रिकॉर्ड उनके नाम रहा जिसे बाद में ततेन्दा तैबु ने मई 2004 में तोड़ा।
साल 1962 में नवाब पटौदी ''इंडियन क्रिकेटर ऑफ द ईयर'' रहे। 1968 में वे ''विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर'' बने। नवाब पटौदी ने 1969 में अपनी आटोबॉयोग्राफी ''टाइगर्स टेल'' प्रकाशित की। वह 1974-75 में भारतीय टीम के मैनेजर रहे।
नवाब पटौदी ने प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की थी। उनके 3 बच्चे हैं जिनमें बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और अभिनेत्री सोहा अली खान के अलावा ज्वेलरी डिजाइनर सबा अली खान शामिल हैं।